वाकई ये एक दुर्भाग्य पूर्ण घटना है लेकिन ये लोकतंत्र की सबसे बड़ी घटना कैसे ! केवल इसलिए की इस बार नक्सलियों का निशाना हमारे नेता (राजनीतक) लोग थे | ये वही राज्य है जहाँ कुछ वर्ष पहले लगभग 70 जवानों को नक्सलियों ने इसी तरह हमला कर मार डाला था. 70 जवानों के शहीद होने पर अपनी सरकारों (केंद्र या राज्य) के कानों में जूं तक नहीं रेंगती लेकिन कल की घटना में 10-15 नेता मरे हैं तो राज्य से लेकर केन्द्र सरकार तक हिल गयी केंद्र सरकार तो इतनी हिल गयी है की देश का प्रधानमंत्री, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी रायपुर पहुँच रहे हैं | काश देश की सरकारें तब भी हरकत में आये जब देश की आम जनता ऐसी घटनाओं का शिकार होती है |
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